आयुर्वेदिक मेडिकल प्रैक्टिशनर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा लायंस क्लब जालंधर में सेमनार आयोजित।

जालंधर ( ज़ीरो लाइन: हरदीप कौर) आयुर्वेदिक मेडिकल प्रैक्टिशनर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा लायंस क्लब जालंधर में सेमनार आयोजित किया गया। इस अवसर पर दिव्य ज्योति जागृती संस्थान के संस्थापक एवं संचालक गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी सज्जनानन्द को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। स्वामी जी ने अपने विचारों में कहा की आयुर्वेद वह प्राचीन पद्धति है जिसने पूरे विश्व को स्वस्थ जीवन जीने का आधार दिया है। यदि हम आयुर्वेद के अनुसार अपनी दिनचर्या को निर्धारित करें, आयुर्वेद के अनुसार खाने-पीने का ध्यान रखें, तो हम कभी भी बीमार ना पड़े। आयुर्वेद ने ऋतु परिवर्तन के अनुसार ही भोजन के चयन का सिद्धांत रखा है। मनुष्य को किस प्रकार का भोजन लेना चाहिए और किस प्रकार का नहीं यह ऋतु के अनुसार होता है। वसंत ऋतु में अलग भोजन, शीत ऋतु में अलग भोजन करने की व्यवस्था रहती है ग्रीष्म ऋतु में अलग रहती है। जैसे अब शीत ऋतु आरंभ हो चुकी है तो शीत ऋतु में हमारे पेट की जठर अग्नि जो होती है वह प्रबल रहती है। इसमें हरी सब्जियां, देसी गाय का दूध, देसी गाय का घी इत्यादि का सेवन करना चाहिए। जो हमारे शरीर को बलिष्ठता प्रदान करता है। हम देख रहे हैं वातावरण में प्रदूषण है तो उस प्रदूषण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक शक्ति का होना मनुष्य के भीतर बहुत जरूरी है। उसके लिए हमें नियमित च्यवनप्राश का सेवन जरूर करना चाहिए और भी स्वामी जी ने इस कांफ्रेंस पर स्वस्थ जीवन जीने के बहुत सारे टिप्स दिए और सारी आयोजन समिति को धन्यवाद किया।
इस अवसर पर डा. बी डी शर्मा, डा. सतपाल गुप्ता, डा. दीपक मोदी, जे एस डोगरा, सोहन लाल गौतम, सोढी लाल, गुलशन सोढी, दलीप पांडे।

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