अब 60-70% अग्निवीरों को किया जाए ‘परमानेंट’, आम सैनिकों की तरह हो ट्रेनिंग, बड़े बदलावों की चर्चा शुरू

नई दिल्ली (ज़ीरो लाइन नेटवर्क) भारतीय सेना में लागू की गई अग्निवीर स्कीम को लेकर काफी विरोध हुआ है। इसका असर लोकसभा चुनाव में भी दिखा और दावा है कि लोगों ने जमकर इस मुद्दे के विरोध में भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है। अब खबरें हैं कि सशस्त्र बल सैन्य भर्ती के लिए अग्निपथ योजना में संभावित बदलावों पर चर्चा कर रहे हैं। इसमें बदलावों के लिए मुख्य पहलू 25 प्रतिशत रिटेन करना और ट्रेनिंग पीरियड वाले मुद्दे हैं, जिनकों लेकर अंदर खाने चर्चा शुरू हो गई है।
हाल ही में तीनों ही सेनाओं में इसको लेकर सर्वे किया गया, जिसके रिजल्ट में अहम बिंदु सामने आए हैं। हालांकि अभी इन बदलाव को लेकर सरकार के पास कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं गया है। ये ऐसे प्रस्ताव हैं जिन पर सशस्त्र बलों द्वारा अभी भी चर्चा की जा रही है।
सेना के भीतर योजना में जिन बदलावों पर चर्चा हो रही है, उनमें से एक है नियमित सैनिकों के लिए रिटेन करने के प्रतिशत को बढ़ाना है, जिसका प्रावधान फिलहाल 25 प्रतिशत का ही है। चर्चा इस बात पर हो रही है कि इस 25 प्रतिशत के कैप को बढ़ाकर 60-70 प्रतिशत किया जाए। इसके अलावा विशेष बलों सहित तकनीकी और विशेषज्ञ सैनिकों के लिए यह कैप लगभग 75 प्रतिशत किया जाए। इस मुद्दे को लेकर एक अधिकारी ने कहा कि सशस्त्र बलों में यह वांछनीय गुण नहीं है और रिटेंशन प्रतिशत को विस्तार देने को लेकर अंदरखाने चर्चाए हैं। उन्होंने कहा कि अन्य सेवाओं में कम से कम 50 प्रतिशत अग्निवीरों को बनाए रखने के लिए भी चर्चा चल रही है।
अधिकारी ने कहा कि इसका उद्देश्य आपसी संबंधों को बढ़ाना और प्रतिस्पर्धा के बजाय एक-दूसरे को साथ लेकर चलने की इच्छा को बढ़ाना है। अधिकारी ने कहा है कि संगठन का बड़ा हित यह है कि अच्छे भाईचारे और रेजिमेंटल भावना वाले सैनिक एक साथ मिलकर लड़ें। जब अग्निपथ योजनी घोषणा की गई थी तो सैनिकों के लिए ट्रेनिंग पीरियड 37 से 42 हफ्ते के बीच का था। सेना को आंतरिक रूप से मिले फीडबैक में सामने आया है कि ट्रेनिंग पीरियड को घटाकर 24 हफ्ते करने से सैनिकों को नेगेटिव प्रभाव पड़ रहा है।
इन सुझावों पर हो रहा है मंथनः सेना इस बात पर चर्चा कर रही है कि अग्निवीरों के लिए ट्रेनिंग पीरियड को आम सैनिकों के लिए निर्धारित ट्रेनिंग की तरह ही किया जाए, जबकि उनके सर्विस टाइम को बढ़ाकर 4 के बजाए 7 वर्ष किया जाए, जिससे उन्हें ग्रेच्युटी और पूर्व सैनिक होने का दर्जा दिया जा सके। अन्य सुझावों की बात करें तो इसमें ग्रैजुएट कर्मियों को अन्य कामों के लिए हायर करना भी शामिल था। एक अधिकारी ने कहा कि ” तकनीकी से जुड़े कामों के लिए प्रोफेशनल्स की जरूरत है, अग्निवीर उन्हें भर्ती करने का एक बेहतरीन तरीका है। उन्होंने कहा कि अन्यथा 2035 तक उनके लिए कई वरिष्ठ पद रिक्त हो जाएंगे। इसके अलावा कई सुझावों पर भी चर्चा हो रही है, जिसमें अग्निीवीरों की सीनियरटी को सिक्योर करने के अलावा, उन्हें अर्धसैनिक बलों में नए सिरे से शामिल करने के बजाय केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में शामिल करने का सुझाव भी शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

you
PHP Code Snippets Powered By : XYZScripts.com