वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी: वायरस से छेड़छाड़ कोरोना से भी खतरनाक महामारी हो सकती पैदा।

नई दिल्ली ( ज़ीरो लाइन: ब्यूरो) दुनिया के कई इलाके अभी भी कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक ये वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ था।
अमेरिकी ऊर्जा विभाग और एफबीआई ने अपनी जांच में वुहान लैब से लीक होने की आशंका जताई है। वायरोलॉजी लैब से वायरस लीक होने के बाद भी वैज्ञानिकों ने जानवरों पर रिसर्च जारी रखी है. इसी वजह से अब वायरस शोधकर्ताओं को प्रकृति से खिलवाड़ न करने की चेतावनी दी गई है। उन्हें बताया जा रहा है कि किसी भी वायरस से छेड़छाड़ से कोरोना से भी खतरनाक महामारी पैदा हो सकती है।

प्रोफेसर कॉलिन बटलर, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के लिए COVID-19 की उत्पत्ति पर एक रिपोर्ट लिखी थी, 2012 से प्रयोगशालाओं में वायरस से जुड़े खतरों के बारे में चेतावनी दे रहे हैं। वह सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के साथ एक नए समूह, प्रोटेक्ट आवर फ्यूचर का हिस्सा हैं। लौरा क्हान। समूह खतरनाक शोधों की सख्त निगरानी और प्रयोगशाला जनित महामारियों से मुक्त भविष्य की मांग करता है। लौरा कहन कहती हैं, ‘प्रकृति माँ को हमें मारने में मदद न करें। महामारी का वायरस कैसा है, यह देखने के लिए इससे छेड़छाड़ न करें।
इस समय पूरी दुनिया में वायरस पर हो रहे शोध की बात करें तो बांग्लादेश में पाए जाने वाले निपाह वायरस पर प्रयोग किए जा रहे हैं. निपाह वायरस दिमाग में सूजन पैदा करता है। इससे आंखों से खून बहना और बहरापन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसकी मृत्यु दर 40 से 75 प्रतिशत के बीच है। प्रोफ़ेसर बटलर ने चेतावनी दी है कि निपाह जैसे घातक रोगजनकों पर अधिक ख़तरनाक परीक्षणों में नई महामारी पैदा करने की क्षमता है। उन्होंने वैज्ञानिकों से निपाह और अन्य खतरनाक विषाणुओं पर प्रयोग नहीं करने का आग्रह किया।

लौरा कान का कहना है कि कोरोना से भी ज्यादा घातक मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) वायरस पर शोध किया जा रहा है, जिससे वह चिंतित हैं। उनका कहना है कि इस तरह की रिसर्च फायदे से ज्यादा जोखिम पैदा कर सकती है। यह वायरस जानवरों से इंसानों में और भी तेजी से फैल सकता है। कहन ने कहा कि जिनकी गलती से कोरोना फैला, उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसा दोबारा न हो। उन्होंने वायरस अनुसंधान पर खुली और पारदर्शी चर्चा का आह्वान किया है।

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