लुधियाना में राज्य जीएसटी विभाग की छापेमारी: कर चोरी के संदेह में दो व्यापारियों को पकड़ा, मोबाइल रिकॉर्ड और दस्तावेज खंगाले जा रहे

लुधियाना। ब्यूरो : पंजाब के लुधियाना में बीती रात राज्य वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग की टीमों ने अलग-अलग स्थानों पर छापा मारकर दो व्यापारियों को हिरासत में लिया। यह कार्रवाई कर चोरी से जुड़े मामले को लेकर की गई। विभाग ने पहले भामियां रोड पर छापा मारा और उसके पश्चात सिविल लाइन्स क्षेत्र में दबिश दी।

गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान दीपांशु आनंद (निवासी भामियां एन्क्लेव) और दीपक गोयल (निवासी सिविल लाइन्स) के रूप में हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अधिकारियों को सूचना मिली थी कि दोनों अपने घर पर मौजूद हैं। सूचना के आधार पर उन्हें पकड़ा गया और सिविल अस्पताल में चिकित्सीय जांच करवाई गई।

इस पूरी कार्रवाई को लेकर विभाग ने अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, दोनों व्यक्तियों से संबंधित कई दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है तथा उनके दूरभाष उपकरणों की गहराई से जांच की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व ही राज्य में कर चोरी का एक बड़ा मामला सामने आया था, जिसमें लगभग 157 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी उजागर हुई थी। पंजाब सरकार के वित्त विभाग ने दो दिन पहले 20 से अधिक फर्जी फर्मों का भंडाफोड़ किया था, जो करोड़ों रुपये की कर चोरी में संलिप्त थीं।

इन फर्मों ने सामान्य मजदूरों और बेरोजगार युवाओं को दैनिक मजदूरी का लालच देकर उनके पहचान पत्र (जैसे पैन और आधार कार्ड) अपने पास रखवा लिए और उनके नाम पर कंपनियां पंजीकृत करवा दीं। फिर इन फर्जी कंपनियों के माध्यम से बोगस लेनदेन दिखाकर वस्तु एवं सेवा कर की राशि का अनुचित लाभ लिया गया।

अब तक की जांच में लगभग 866 करोड़ रुपये के घोटाले का पता चला है। इनमें से केवल एक व्यक्ति – लुधियाना निवासी एक लेखाकार – पर अकेले 157 करोड़ रुपये के फर्जी कर रिटर्न दाखिल करने का संदेह है। उसने वर्ष 2023-24 में 249 करोड़ रुपये के फर्जी कारोबार का दावा करते हुए 45 करोड़ रुपये का इनपुट कर लाभ प्राप्त किया। इसी तरह, वर्ष 2024-25 में 569 करोड़ रुपये का फर्जी लेनदेन दर्शाकर 104 करोड़ रुपये का लाभ उठाया गया।

इतना ही नहीं, इसी गिरोह से जुड़ी एक परिवहन कंपनी – मां दुर्गा रोड लाइन्स – पर 168 करोड़ रुपये के जाली ई-बिल तैयार कर धोखाधड़ी करने का आरोप है। यह कंपनी लुधियाना की फर्मों के नाम पर दिल्ली तक सामान की नकली ढुलाई दिखा रही थी, जबकि वस्तुतः कोई वाहन पंजाब की सीमा में प्रविष्ट ही नहीं हुआ था।

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि इस पूरे घोटाले में अब तक 40 लाख रुपये की नकदी, फर्जी बिल पुस्तकें और हस्ताक्षर रहित चेकबुक जैसी महत्त्वपूर्ण सामग्री जब्त की जा चुकी है। प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि राज्य में कर चोरी करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और जांच को और अधिक सख्ती से आगे बढ़ाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

you
PHP Code Snippets Powered By : XYZScripts.com