जिगाना से एक साथ 15 गोलियां चलती,,, ये पिस्टल रखना गैंगस्टर अपने गिरोह की शान समझने लगे।

नई दिल्ली ( ज़ीरो लाइन: ब्यूरो) तुर्किये निर्मित जिगाना पिस्टल को भारत में सबसे पहले बुलंदशहर के खुर्जा के दो भाई व दिल्ली के जाफराबाद का निवासी सलीम अहमद लेकर आए थे।
ये देश के नामी अवैध हथियार तस्कर हैं। जब ये पिस्टल गैंगस्टरों के पास जाने लगी, तो वह उनकी पहली पसंद बनने लगी। इन्होंने इस पिस्टल को देश में कई माफिया डॉन, गैंगस्टरों व व्यवसायियों को सप्लाई किया। ये अब तक करोड़ों रुपये के हथियार देश में सप्लाई कर चुके हैं। पसंद की खास वजह ये है कि जिगाना से एक साथ 15 गोलियां चलती हैं। दूसरा अब ये पिस्टल रखना गैंगस्टर अपने गिरोह की शान समझने लगे हैं।

प्रयागराज में माफिया डॉन अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद एक बार फिर ये महंगी पिस्टल सुर्खियों में है। इन दोनों भाइयों की हत्या के लिए आरोपियों ने इसी पिस्टल का इस्तेमाल किया। अब हर कोई जानना चाहता है कि ये जिगाना पिस्टल क्या है और ये भारत में कैसे आई? दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मध्यप्रदेश, मेरठ, मुजफ्फरनगर व बिहार में बनाए गए अवैध हथियार देश में आपराधिक वारदात में इस्तेमाल हो रहे थे। बुलंदशहर के खुर्जा के दो भाई रिजवान व कुर्बान अवैध हथियार तस्कर थे।

पांच-छह वर्ष पहले ये नेपाल से जिगाना पिस्टल पहली बार भारत लेकर आए थे। इनके साथ दिल्ली के जाफराबाद का रहने वाला सलीम भी इन भाइयों के साथ जिगाना पिस्टल को भारत लाया था। सलीम भी इस पिस्टल को नेपाल के रास्ते लाया था। अब तो शूटर व गैंगस्टर नेपाल जाकर खुद जिगाना पिस्टल लाने लगे हैं।
पुर्जों में लाई जाती है पिस्टल
स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान से जिगाना पिस्टल की खेप नेपाल पहुंचती है। वहां से ये भारत लाई जाती है। इस पिस्टल के हर पुर्जे को अलग किया जाता है और उसके बाद भारत लाया जाता है। तस्कर नेपाल से इन पुर्जों को कार में छिपाकर लाते हैं। इसके लिए कार में विशेष जगह बनाई जाती है। भारत में लाकर इन पुर्जों को असेंबल किया जाता है।

नेपाल के बाद अब ड्रोन से मंगाने लगे पिस्टल
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अब गैंगस्टर व माफिया पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये जिगाना पिस्टल मंगाने लगे हैं। ड्रोन के जरिये ये पिस्टल पंजाब के सीमावर्ती इलाके में गिरा दी जाती है। यहां से इन पिस्टल को देश भर में सप्लाई किया जाता है।

ड्रोन के जरिये पिस्टल पड़ती है सस्ती
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नेपाल से तस्करी होकर भारत लाई जाने वाली जिगाना पिस्टल छह लाख में मिलती है, जबकि ड्रोन से भारत में लाई जाने वाली जिगाना सस्ती है। वह चार लाख में मिल जाती है। ऐसे में माफिया व गैंगस्टर ड्रोन वाली जिगाना सस्ती होने के कारण ज्यादा पसंद करने लगे हैं।
खुर्जा के रिजवान व कुर्बान में से कुर्बान की मौत हो चुकी है। इसके बाद इनके काले कारोबार को कुर्बान के भाई अरबाज से संभाल रखा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) ने हाल ही में अरबाज को गिरफ्तार किया है। दूसरी तरफ सलीम पर मकोका लगा है। बताया जा रहा है कि वह जेल में है।

मूसेवाला की हत्या में भी जिगाना का हुआ था इस्तेमाल
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए भी जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। ऑस्ट्रिया की ग्लॉक पिस्टल, रूसी एएन-94, जर्मनी की पी-30 हैंडगन के साथ ही जिगाना पिस्टल का इस हत्याकांड में इस्तेमाल हुआ। पंजाब में कई गैंगवार के दौरान भी जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल होता रहा है।

लॉकिंग सिस्टम से गैंगस्टरों की पसंद बनती जा रही जिगाना
पंजाब में ये गैंगस्टरों की पसंद होने के पीछे एक बड़ी वजह जिगाना का लॉकिंग सिस्टम भी है। लॉक स्लाइड शॉर्ट रिकाइल ऑपरेटिंग सिस्टम इस पिस्टल की खूबी है। इसमें एक ऑटोमैटिक फायरिंग पिन ब्लॉक भी होता है। साथ ही एक किलो से कम वजन वाली इस पिस्टल से एक बार में 15 गोलियां चलती हैं। 9 एमएम की इस पिस्टल के अलग-अलग मॉडल का वजन 720 से लेकर 920 ग्राम के बीच होता है। जिगाना पिस्टल अपनी बेहतरीन मारक क्षमता के लिए जानी जाती है। यह जल्दी गर्म भी नहीं होती है। इसके कुल 11 वेरिएंट्स हैं। जिगाना के अलग-अलग वेरिएंट में डबल एक्शन रिकॉयल की तकनीक है। इसके चलते मैगजीन पिस्टल में आसानी से लोड हो जाती है।

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