अमृतपाल सिंह की वजह से हुए अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास धमाके।
अमृतसर ( ज़ीरो लाइन: GS SANDHU) पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास 5 दिन में हुए 3 धमाके करने वाले पांच आरोपियों को पंजाब पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया था।
इसके बाद जांच में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लोकल टेरर मॉड्यूल खड़ा करने वाले आजादवीर और उसके साथी खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाए जाने की कार्रवाई को लेकर बेहद नाराज थे। इसलिए उन्होंने इस तरह की घटना को अंजाम दिया। इन धमाकों का मुख्य आरोपी अमृतपाल सिंह और जरनैल सिंह भिंडरावाले का फॉलोअर है।
स्वर्ण मंदिर के पास धमाकों में आईईडी का उपयोग
अमृतसर में इन तीनों धमाकों में इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस यानि कि आईईडी (IED) का उपयोग किया गया था। इसका मुख्य साजिशकर्ता आजादवीर सिंह अमृतसर (Amritsar) के वडाला कलां का रहने वाला है। वह खालिस्तान समर्थक है और उस पर पहले भी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले दर्ज हैं। जब स्वर्ण मंदिर के पास पहला धमाका किया गया था, तब धमाके से पहले आजादवीर ने सारागढ़ी पार्किंग की छत पर हाथ में बम लेकर कुछ तस्वीरें भी खिंचवाई थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने यह तस्वीर आजादवीर सिंह के फोन से बरामद की है। इतना ही नहीं, घटना को अंजाम देने के बाद उसने इसको अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर भी शेयर किया था। आजादवीर और उसके सभी साथियों ने धमाका करने के लिए हेरिटेज स्ट्रीज को चुना। वह यहां पर धमाका करके लोगों में डर का माहौल पैदा करना चाहते थे। आजादवीर ने नशे का आदी होने के बाद अपराध की दुनिया में कदम रखा।
पांच दिनों में हुए थे तीन धमाके
अमृतसर स्वर्ण मंदिर के पास पांच दिन के भीतर तीन धमाके हुए थे। बुधवार की मध्यरात्रि भी आईईडी का जोरदार ब्लास्ट हुआ था। वहीं, इससे पहले बीते सोमवार को स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) के पास हेरिटेज स्ट्रीट के सामने धमाके की सूचना सामने आई थी। पंजाब पुलिस व जांच एजेंसियों ने धमाके को लेकर IED ब्लास्ट की संभावना जताई थी। उससे पहले स्वर्ण मंदिर से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर भी विस्फोट हुआ था। यह धमाका इतना तेज था कि कुछ इमारतों के शीशे पूरी तरह से नष्ट हो गए थे।