जालंधर में सीएम आवास के बाहर फार्मासिस्ट यूनियन का प्रदर्शन:पुलिस ने बढ़ाई इलाके की सुरक्षा
जालंधर (दविंदर) जालंधर में सीएम भगवंत मान के संभावित गृह प्रवेश से पहले आज वेटरनरी फार्मासिस्ट यूनियन पंजाब ने धरना शुरू कर दिया है। सीएम भगवंत मान ने जालंधर के दीप नगर में एक मकान किराए पर लिया है, जहां वह अपने परिवार के साथ रहेंगे। सीएम मान को आज उक्त मकान में प्रवेश करना था। लेकिन उनके गृह प्रवेश से पहले यूनियन ने उनके घर के बाहर धरना दे दिया और नारेबाजी शुरू कर दी।
धरने को लेकर जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने उक्त इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है। मिली जानकारी के अनुसार यह धरना अस्थायी कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। जिनकी मांग है कि उन्हें सरकार के साथ काम करते हुए काफी समय हो गया है, लेकिन सरकार उन्हें स्थायी नहीं कर रही है। जिसके चलते उन्होंने यह धरना दिया है। यह धरना सीएम आवास से करीब 800 मीटर की दूरी पर दिया जा रहा है। पुलिस ने सीएम मान के घर की ओर जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग कर दी है।
वेटरनरी फार्मासिस्ट यूनियन पंजाब के प्रधान गुरप्रीत सिंह रोमाणा ने बताया कि कच्चे मुलाजिमों ने कहा- करीब दस दिन पहले ही सरकार को अल्टीमेटम दिया गया था। मगर सरकार ने हमारी मांगो को लेकर कोई प्रबंध नहीं किया। ना तो सरकार ने हमें पक्के करने को लेकर कोई कदम उठाया और ना ही कोई बात आगे बढ़ाई। सरकार ने हमारी सेलेरी तक नहीं बढ़ाई।
यहां तक की हमें प्रोटेस्ट किए जाने से भी जगह नहीं दी गई। हमारे सभी मुलाजिम सड़कों पर घूम रहे हैं। मुलाजिमों ने कहा- सीएम मान के घर के बाहर थाने से हमें रोका जा रहा है। रोमाणा ने कहा- पिछले 18 सालों से हम कच्चे मुलाजिमों के तौर पर काम कर रहे हैं। सभी मुलाजिमों को ठेके पर रखवाया गया। आपने पक्का करने का वादा किया था, मगर हमारे साथ किया वादा पूरा नहीं किया गया। हमारे धरने के दौरान सीएम मान ने वादा किया था। रोमाणा ने कहा-आज प्रदर्शन के लिए हम 582 मुलाजिम आए हैं, जोकि वेटरनरी फार्मासिस्ट से जुड़े हुए हैं।
पंजाब में लोकसभा चुनाव में मिशन 13-0 की विफलता के बाद आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की साख दांव पर लगी है। महज 3 लोकसभा सीटें जीतने के बाद अब सिर्फ जालंधर वेस्ट उप चुनाव में आप की साख बच सकती है। इसीलिए सीएम मान ने जालंधर में घर लेकर रहने का फैसला किया है। उनकी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर और बहन मनप्रीत कौर भी उनके साथ रहेंगी। चंडीगढ़ में हुई एक बैठक के दौरान ये फैसला लिया गया था। दोआबा और मांझा इलाके के नेताओं और लोगों के साथ वह नजदीकी संपर्क में रहें, सीएम मान के इस फैसले को इससे जोड़कर भी देखा जा रहा है।