पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 38 लाख, पाक का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह
नई दिल्ली (जीरो लाइन नेटवर्क) पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 2017 में 35 लाख से बढ़कर 2023 में 38 लाख हो गई है, जिससे वे इस्लामिक देश में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह बन गए हैं। यह जानकारी पिछले साल की जनगणना के आधिकारिक आंकड़ों से मिली। पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) ने गुरुवार को 7वीं जनसंख्या और आवास जनगणना 2023 के नतीजे जारी किए। 2023 में पाकिस्तान की कुल जनसंख्या 2,40,458,089 थी। इससे पता चलता है कि कुल आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी 2017 में 96.47 प्रतिशत से थोड़ी कम होकर 2023 में 96.35 प्रतिशत हो गई है, जबकि सभी प्रमुख धार्मिक अल्पसंख्यकों की आबादी पिछले छह वर्षों में बढ़ी है।
हिंदुओं की आबादी 2017 में 35 लाख से बढ़कर 2023 में 38 लाख हो गई, लेकिन कुल आबादी में उनकी हिस्सेदारी 1.73 से घटकर 1.61 फीसदी हो गई है। इससे पता चलता है कि अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की आबादी तेजी से बढ़ी है।
ईसाइयों की जनसंख्या भी 26 लाख से बढ़कर 33 लाख हो गई। कुल आबादी में ईसाइयों की हिस्सेदारी 1.27 से बढ़कर 1.37 फीसदी हो गई है। अहमदियों की वास्तविक जनसंख्या के साथ-साथ कुल जनसंख्या में उनकी हिस्सेदारी में भी गिरावट देखी गई। उनके समुदाय की जनसंख्या 2017 में 1,91,737 (कुल जनसंख्या का 0.09 प्रतिशत) से 29,053 घटकर 162,684 (कुल जनसंख्या का 0.07 प्रतिशत) हो गई।
सिख आबादी 15,998 और पारसी समुदाय 2,348 थी। आंकड़ों से पता चलता है कि देश की जनसंख्या 2.55 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ 2017 में लगभग 20.76 करोड़ से बढ़कर 2023 में 24.14 करोड़ हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक, इसी दर से पाकिस्तान की आबादी 2050 तक दोगुनी होने की उम्मीद है।
जनसंख्या विभाग के अनुसार, पुरुषों की कुल संख्या 12.432 करोड़ थी, जबकि महिलाओं की संख्या 11.715 करोड़ दर्ज की गई थी। लिंगानुपात 1.06 था, जबकि ट्रांसजेंडर आबादी 20,331 बताई गई थी।
आंकड़े बताते हैं कि 2023 में कुल आबादी का 67 फीसदी हिस्सा 30 साल से कम उम्र का था और 80 फीसदी आबादी 40 साल से कम उम्र की थी. 67 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग कुल जनसंख्या का केवल 3.55 प्रतिशत थे। साल 2017 में कुल आबादी का 66.12 फीसदी हिस्सा शादीशुदा था, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 64.79 दर्ज किया गया।