अवैध घोषित होगा अमृतपाल का चुनाव? हाईकोर्ट पहुंचा मामला

खडूर साहिब (संवाद सहयोगी) खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एनएसए के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह के लोकसभा चुनाव के खिलाफ पंजाब औऱ हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका में खालिस्तान समर्थक सांसद और ‘वारिस पंजाब दे’ के चीफ अमृतपाल सिंह के चुनाव को रद्द करने की मांग की गई है। अमृतपाल सिंह के खिलाफ याचिका दायर करने वाले विक्रमजीत सिंह ने भी खडूर साहिब लोकसभा से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ा था। उसे 1420 वोट मिले थे। अमृतपाल सिंह अप्रैल 2023 से असम की जेल में बद है। वह इस साल हुए लोकसभा चुनाव में खडूर लोकसभा सीट से बड़े मार्जिन से जीता है। अमृतपाल सिंह के खिलाफ अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले सहित कई मामलों में एफआईआर दर्ज हैं।
लाइव लॉ की रिपोर्ट में कहा गया है – विक्रमजीत सिंह ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ दायर याचिका में कहा है कि निर्दलीय सांसद ने “धर्म के नाम पर वोट मांगने के लिए अपनी धार्मिक पहचान का इस्तेमाल किया, जो अवैध है और भ्रष्ट आचरण के समान है।” याचिका में यह भी कहा गया है कि अमृतपाल जेल में है और उसके परिवार और टीम प्रचार के दौरान कई धार्मिक स्थानों पर गए औऱ उन्होंने अपना मेनिफेस्टो भी एक गुरुद्वारे से रिलीज किया।
याचिका में कहा गया है कि अमृतपाल के फेवर में कई गुरुद्वारों में मीटिंग आयोजित की गईं और उसके समर्थन में नारे लगाए गए। इस तरह वो न सिर्फ धार्मिक स्थल की पवित्रता बनाए रखने में विफल रहा, बल्कि उसने धार्मिक स्थलों पर वोट मांगकर रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट के प्रावधानों का भी उल्लंघन किया है। इसी वजह से उसका निर्वाचन रद्द किया जाना चाहिए।
अमृतपाल सिंह के चुनाव को इस आधार पर भी चैलेंज किया गया है कि उनकी तरफ से संबंधित अधिकारी से परमिशन लिए बिना सोशल मीडिया पर सामग्री का प्रचार किया गया। यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। याचिका में यह भी कहा गया कि अमृतपाल सिंह की तरफ से पूरा नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया गया।
याचिका में यह भी कहा गया है कि अमृतपाल के एनएसए के तहत डिटेंशन में संबंधित अधिकारियों / डीएम और रिटर्निंग अधिकारियों से कुछ स्पेशल परमिशन की जरूरत थी। संबंधित रिटर्निंग अधिकारी ने न सिर्फ अधूरे डिफेक्टिव फॉर्म 26 और फॉर्म 2 (ए) को नजरअंदाज किया, बल्कि अमृतपाल सिंह को दायर आपत्तियों पर जवाबी हलफनामा या कोई जवाब दाखिल करने के लिए भी नहीं कहा। इन्हीं आपत्तियों को आधार बताते हुए विक्रमजीत सिंह ने अमृतपाल सिंह के चुनाव को अवैध घोषित करने की मांग की है।

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