पंजाब सरकार ने बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को बनाया सरल

चंडीगढ़ (अमरजीत धीमान) पंजाब सरकार द्वारा बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को अब सरल बना दिया है। राज्य के हर जिले में अडॉप्शन एजेंसी स्थापित की जा रही है और बेसहारा और अनाथ बच्चों को गोद लेने के संबंध में ढांचे को मजबूत करने के लिए 172 नई पदों का सृजन किया जा रहा है। सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने आज महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, चंडीगढ़ में अडॉप्शन रेगुलेशन, 2022 संबंधी राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए लगातार काम किया जा रहा है। बेसहारा और अनाथ बच्चों की भलाई और सुरक्षा के लिए बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया से जुड़ी विभिन्न गैर-सरकारी संस्थाओं को प्रति वर्ष 26 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को सही ढंग से लागू करते हुए विभाग द्वारा 300 से अधिक बेसहारा और अनाथ बच्चों को गोद दिलाकर उन्हें पारिवारिक माहौल दिया गया है। उन्होंने सभी अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया कि राज्य में बच्चा गोद लेने संबंधी आवेदनों का निपटारा तय समय के भीतर करना सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा उन्होंने सिविल सर्जनों को निर्देश देते हुए कहा कि बच्चे को गोद लेने के बाद माता-पिता को बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में नामांकन करवाने में आने वाली समस्याओं को तुरंत हल करना सुनिश्चित किया जाए, ताकि इन अनाथ और बेसहारा बच्चों को यदि किसी विदेशी जोड़े या बाहरी राज्यों के जोड़े द्वारा अपनाया जाता है, तो उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। मंत्री ने जोर देते हुए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि गोद लेने की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए माता-पिता के सहायता ग्रुप बनाएं ताकि गोद लिए गए बच्चों का फॉलोअप और माता-पिता की काउंसलिंग की जा सके। इसी प्रकार, माता-पिता को भी गोद लेने के बाद आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी देकर इस उद्देश्य के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
डॉ. बलजीत कौर ने प्रदेश के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बच्चा गोद लेने से संबंधित आवेदनों का योग्यता के आधार पर निपटारा किया जाए और इन मामलों का जिलाधिकारियों द्वारा सही तथ्यों के आधार पर निस्तारण किया जाए। इस अवसर पर सैंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथारिटी (CARA), नई दिल्ली की उप निदेशक पूनम शर्मा और सलाहकार शिवानी चौहान ने बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी साझा की ताकि बच्चे के भावी जीवन को सुरक्षित किया जा सके।

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