दिव्य ज्योति जागृत संस्थान की शिष्या मां आशुतोषांबरी ने ली समाधि ताकि गुरु आशुतोष महाराज अपनी शिष्या के जरिए भौतिक शरीर में वापस आ सकें
जालंधर ( ज़ीरो लाइन : हरदीप कौर) लखनऊ में दिव्य ज्योति जागृत संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज की शिष्या मां आशुतोषांबरी ने समाधि ले ली. ताकि उनके गुरु आशुतोष महाराज अपनी शिष्या के जरिए भौतिक शरीर में वापस आ सकें.
आशुतोष महाराज का शव 10 साल से फ्रीजर में बंद है. उनके शिष्यों का कहना है कि आशुतोष महाराज 10 साल से समाधि में हैं. कहा जा रहा है कि आशुतोष महाराज ने अपनी शिष्या आशुतोषांबरी को आंतरिक संदेश भेजा था कि वे (आशुतोषांबरी) समाधि ले लें उन्हें (आशुतोष महाराज) समाधि से जगाकर भौतिक शरीर में वापस लाकर उनकी चेतना जागृत करें. इसके बाद शिष्या आशुतोषांबरी ने 28 जनवरी 2024 को सभी के सामने समाधि ले ली.
28 जनवरी 2014 को आशुतोष महाराज को सीने में दर्द की शिकायत हुई. इसके बाद उन्हें लुधियाना के सद्गुरु प्रताप अपोलो अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. उसके बाद से आज तक आशुतोष महाराज का शव फ्रीजर में सुरक्षित रखा गया है. खबरों के मुताबिक आशुतोष महाराज ने समाधि लेते समय अपने शिष्यों से कहा था कि वे अपने शरीर में फिर से लौटकर आएंगे. तब से उनके भक्तों ने उनका शव पंजाब राज्य के जालंधर शहर में स्थित नूर महल में सुरक्षित रखा है. जहां 24 घंटे उनके भक्त शव की सुरक्षा में तैनात रहते हैं. आशुतोष महाराज के शिष्य उनकी इस समाधि को ब्रह्मज्ञान साधना बताते हैं.