अंतरिक्ष की उड़ान भरेंगे पीएम मोदी?
नई दिल्ली (जीरो लाइन नेटवर्क) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा कुछ नया करने की कोशिश में लगे रहते हैं. उन्हें कुछ दिन पहले उन्हें समुद्र के अंदर गोता लगाते हुए देखा गया था. जिसकी तस्वीरें और वीडियो उन्होंने खुद एक्स पर पोस्ट किया था. अब पीएम मोदी के अंतरिक्ष यात्रा को लेकर खबरें आ रही हैं.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) गगनयान मिशन पर काम कर रहा है. इसकी पहली परीक्षण उड़ान 2025 के आखिर में होगी. गगनयान मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री भी जाएंगे. इसके लिए सभी के नामों की घोषणा भी कर दी गई. सभी इसके लिए ट्रेनिंग भी ले रहे हैं. गगनयान की चर्चा के दौरान पीएम मोदी के अंतरिक्ष में यात्रा करने की खबर सुर्खियों में चल रही हैं. ये खबर इसरो के चेयरमैन एम सोमनाथ के बयान के बाद से चल रही है. इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ से जब पीएम मोदी के अंतरिक्ष में जाने को लेकर सवाल किया गया, तो इसरों प्रमुख ने एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के पहले मानव मिशन में अंतरिक्ष में उड़ान भर सकते हैं, जब यह मिशन चालू हो जाएगा. उन्होंने आगे कहा, जब हम पूरी तरह से आश्वस्त हो जाएं कि हम वहां लोगों को सुरक्षित भेज सकते हैं, तभी कोई राष्ट्राध्यक्ष को वहां भेजा जाएगा. उन्होंने कहा, हम सभी को बहुत गर्व होगा अगर हम पूरे आत्मविश्वास के साथ राष्ट्राध्यक्ष को अंतरिक्ष में भेज सकें.
गगनयान मिशन में जाएंगे ये चार लोगः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल फरवरी 27 को उन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की थी जो देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन-‘गगनयान’ के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने थुंबा स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला गगनयान मिशन के लिए नामित किये गए अंतरिक्ष यात्री हैं. मोदी ने कहा था कि चार दशक बाद कोई भारतीय, अंतरिक्ष में जाने के लिए तैयार है और इस बार उलटी गिनती (काउंटडाउन), समय और यहां तक कि रॉकेट भी हमारा है.
गगनयान मिशन के लिए नामित चार अंतरिक्ष यात्री ले रहे कड़ा प्रशिक्षणः 2025 में गगनयान मिशन के तहत पृथ्वी की कक्षा में भेजने के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्री उड़ान अभ्यास और योग के अलावा सिमुलेटर, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में रहने के अभ्यास सहित कड़े प्रशिक्षण से गुजर रहे हैं. इसरो का संबंधित प्रशिक्षण प्रतिष्ठान भारतीय वायुसेना के पायलटों-ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला के लिए ऐसी गतिविधियों का केंद्र है.