गुजरात में भारी बारिश से 174 सड़कें बंद, 30 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित
गुजरात (जीरो लाईन नेटवर्क) गुजरात में भारी बारिश के कारण आज शाम 6 बजे तक कुल 174 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं। इन सड़कों में 152 पंचायत स्वामित्व वाली, 7 राज्य राजमार्ग और 14 अन्य सड़कें शामिल हैं। सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थिति ज्यादा गंभीर है। जूनागढ़ जिले में सबसे ज्यादा 70 सड़कें बंद हैं, जबकि पोरबंदर जिले में 65 सड़कें बंद हैं। देवभूमि द्वारका जिले में 16 सड़कें बंद हैं, जबकि राजकोट और जामनगर जिले में 6-6 सड़कें बंद हैं। इस स्थिति के कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है और जरूरत पड़ने पर और सड़कें बंद करने की योजना बना रहा है।
30 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधितः गुजरात राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण आज शाम 4 बजे तक कुल 30 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। ये प्रभावित गांव मुख्य रूप से सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित हैं। सबसे बुरा असर देवभूमि द्वारका जिले में देखने को मिला है, जहां 19 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। पोरबंदर जिले के 8 गांव और जूनागढ़ जिले के 3 गांव बिजली से वंचित हो गए हैं।
45 लोगों को बचाया गया, 483 को निकाला गयाः गुजरात राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण आज बचाव बलों द्वारा 45 और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। इसके साथ ही राज्य भर में कुल 483 लोग पलायन करने को मजबूर हुए हैं।
पिछले 24 घंटों में 122 तालुकाओं में बारिश हुईः मौसम विभाग के पूर्वानुमान के बीच सौराष्ट्र के कुछ इलाकों में आंधी-तूफान आ सकता है। पोरबंदर में 20 इंच बारिश से कई इलाकों में पानी भर गया है, वहीं उपलेटा तालुका और आसपास के गांवों में भी भारी बारिश से सब कुछ जलमग्न हो गया है। भारी बारिश के कारण यहां के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के घरों में पानी घुस गया। पोरबंदर, राजकोट उपलेटा समेत जूनागढ़ और देवभूमि द्वारका में भी मेघतांडव की स्थिति बनी हुई है। पिछले 24 घंटे में जूनागढ़ के केशोद में साढ़े आठ इंच, जबकि द्वारका के कल्याणपुर में साढ़े छह इंच बारिश हुई है। गौरतलब है कि, गुजरात में पिछले 24 घंटों में 122 तालुकाओं में बारिश की खबर है। आइए आंकड़ों पर नजर डालते हैं कि पिछले 24 घंटे में कितनी बारिश हुई है। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिले शामिल हैं। इसके अलावा अन्य प्रभावित जिलों से भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।