जंग में यूक्रेन की महिलाएं भी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही ।
UKRAIN ( जीरोलाइन) यूक्रेन में जारी जंग सिर्फ इसलिए याद रखने वाली नहीं है कि एक छोटा सा देश, महाशक्ति रूस के आगे आज तक टिका हुआ है. बल्कि इसलिए भी याद रखा जाएगा कि जब मातृभूमी को जरूरत हुई तो यूक्रेन की नारियों ने मर्दों के कंधे से कंधा मिला कर जंग लड़ीं थीं.
जी हां… जंग में यूक्रेन की महिलाएं भी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं. आंकड़े बताते हैं कि रूस के आक्रमण से पहले यूक्रेन की सेना में 32 हजार फीमेल फाइटर्स थीं लेकिन अब इनकी तादाद बढ़कर 60 हजार हो गई है. इनमें से 5 हजार महिलाएं ऐसी हैं, जो फ्रंट लाइन पर वॉर लड़ रही हैं.
जी हां… जंग में यूक्रेन की आधी आबादी जंग में ये साहस इसलिए दिखा रही है क्योंकि उनकी फर्स्ट लेडी यानी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की पत्नी ओलेना जेलेंस्की भी वॉर में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. खासकर कूटनीतिक मंच पर. इस वक्त ओलेना ब्रिटेन के दौरे पर हैं और पश्चिमी देशों को रूस के खिलाफ गोलबंद कर रही हैं. ये वही ओलेना हैं, जो 9 महीने से रूस के वॉर क्राइम का खुलासा कर रही हैं. यूक्रेन की फर्स्ट लेडी सोशल मीडिया के जरिए दुनिया का समर्थन जुटा रही हैं. ओलेना वैश्विक मीडिया को खुला खत लिखकर पुतिन की पलटन को बेनकाब कर चुकी हैं. यूक्रेन की महिलाएं ओलेना से बहुत प्रभावित हैं, शायद यही वजह है कि वो युद्ध के मैदान में उतरकर दुश्मनों को धूल चटा रही हैं.
यूक्रेन की एक फीमेल फाइटर डायना ने अलजजीरा (Al Jazeera) को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि मैंने नही सोचा था कि मैं कभी सेना जॉइन करूंगी. हर सामान्य लड़की की तरह मैं भी खुशहाल जीवन जीना चाहती थी और यात्रा (Travel) कर दुनिया भर देखना चाहती थी. रूस के कीव पर आक्रमण के बाद मेरे भाई ने यूक्रेन फोर्स जॉइन किया और उसके साथ मैंने भी सेना जॉइन कर लिया. मैं अलग नही रह सकती थी l
बता दें कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद सेना को स्वैछिक रूस से जॉइन करने वाले महिलाओं और युवाओं की संख्या बढ़ी है. यूक्रेन में मिलिट्री जॉइन करना स्वैछिक है पर सरकार इसे अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है. हालांकि इस पर कोई भी फैसला अगले साल ही होगा. इंटरनेशनल स्ट्रैटेजिक स्टडी (International Institute for Strategic Studies) के मुताबिक, साल 2021 तक यूक्रेन के पास 196,600 सैनिक थे वहीं रूस के पास 900000 सैनिकों की संख्या थी ।