रूसी राष्ट्रपति पुतिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास सहायता मांगने आये l
दिल्ली ( जीरोलाइन: नीरज नायर )इसी साल 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन (Russia attack on Ukraine) पर हमला बोल दिया था। ये जंग 2-4 दिनों तक चलने वाली थी लेकिन, पश्चिमी देशों के चक्कर में अब तक जारी है और इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है।
पश्चिमी देश पर्दे के पीछे से इस जंग में कूद पड़े। रूस के खिलाफ प्रतिबंद और यूक्रेन को पूरी तरह से सैन्य और आर्थिक सहायता। रूस पर प्रतिबंधों का असर पश्चिमी देशों में ही ज्यादा देखने को मिला। हालांकि, रूस को भी इसका असर झेलना पड़ रहा है। ऐसे में रूस अपने पुराने और घनिष्ठ मित्र भारत (Russia Asks India To Help) के पास आया है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Putin and Pm Modi) के पास सहायता मांगने आये हैं। ऐसे में यूक्रेन से लेकर पश्चिमी देशों की नजरें भारत पर टीकी होंगी। एक रिपोर्ट की माने तो रूस ने भारत से बड़ी मदद की मांग की है। रिपोर्ट के अनुसार रूस ने भारत (Russia Asks India To Help) को ऐसे प्रॉडक्ट्स की लिस्ट भेजी है जो उनके मुख्य सेक्टर्स से जुड़े हैं।
रूस ने जो भारत को लिस्ट भेजी है उसमें इन प्रॉडक्ट्स की संख्या 500 से ज्यादा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की मानें तो रूस की तरफ से कार, एयरक्राफ्ट और ट्रेन के पार्ट्स की डिलीवरी की एक लिस्ट भारत को भेजी गई है। प्रतिबंधों के चलते रूस इन सब चीजों के लिए भारत के पास आया है। हालांकि रूस की कुछ कंपनियों की तरफ से इस पूरे घटनाक्रम पर खासी चिंता भी जताई गई है। अब देखना होगा कि भारत अपने इस पुराने रणनीतिक साझीदार की मदद करने का रिस्क उठायेगा या नहीं।
रिपोर्ट की माने तो जो लिस्ट भारत को भेजी गई है उसमें यह स्पष्ट नहीं है कि कितने आइटम को रूस निर्यात करेगा। लेकिन, भारत सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि, रूस की यह रिक्वेस्ट असामान्य है। भारत के लिए भी यह रिक्वेस्ट फायदेमंद हो सकती है। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, भारत व्यापार बढ़ाने का इच्छुक है और यह लिस्ट इसमें मददगार साबित हो सकती है। रूसी सरकार के सूत्रों की मानें तो यह तय हुआ है कि चर्चा के बाद सप्लाई की मात्रा और विशिष्टताओं पर कुछ तय होगा। यह कदम सिर्फ भारत तक सीमित नहीं होगा। रूस के व्यापार मंत्रालय के अलावा भारत के विदेश, वाणिज्य मंत्रालयों के साथ ही प्रधानमंत्री ऑफिस की तरफ से भी इस पर कोई जवाब देने से इनकार कर दिया गया है।