विजिलेंस विभाग ने जीरकपुर तहसील कार्यालय पर मारा छापा

मोहाली (अमरजीत धीमान) विजिलेंस विभाग द्वारा अचानक की गई छापेमारी के कारण जीरकपुर के सब-तहसील कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल रहा। सादे कपड़ों में अधिकारियों के अचानक पहुंचने से अफरा-तफरी मच गई और कार्यालय का सामान्य कामकाज बाधित हो गया। छापेमारी के दौरान दलाल, जो आमतौर पर नायब तहसीलदार कार्यालय में मौजूद रहते हैं, खास तौर पर गायब रहे।
रिपोर्ट्स से पता चला है कि छापेमारी करने वाले अधिकारी विजिलेंस विभाग के इंस्पेक्टर स्तर के थे। हालांकि, कार्रवाई की गोपनीयता के कारण छापेमारी का उद्देश्य स्पष्ट नहीं हो पाया है। सूत्रों से पता चला है कि छापेमारी के दौरान कुछ दस्तावेजों की जांच की गई, लेकिन विजिलेंस विभाग ने मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी है।
सर्वर की समस्या का हवाला देकर अचानक रजिस्ट्रेशन कार्य रोक दिए जाने से अपने दस्तावेजों को रजिस्टर कराने आए लोगों में परेशानी की स्थिति पैदा हो गई। उप-तहसील में छापेमारी के पीछे की वजह और तहसीलदार कार्यालय में अक्सर मौजूद रहने वाले लेन-देन करने वालों की अनुपस्थिति को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। इससे मामले में उनकी संभावित भागीदारी पर सवाल उठ रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विजिलेंस विभाग के अधिकारियों ने इस घटना को छापेमारी मानने से इनकार किया है, बल्कि दावा किया है कि यह एक नियमित निरीक्षण और जागरूकता प्रक्रिया थी। हालांकि, उनकी प्रतिक्रिया की कमी और दलालों की अनुपस्थिति ने ‘निरीक्षण’ के वास्तविक उद्देश्य पर संदेह पैदा कर दिया है। विभाग ने ऑपरेशन के दौरान जांचे गए दस्तावेजों के बारे में कोई विवरण नहीं दिया है।
दावा किया जा रहा है कि तहसील कार्यालय के बाहर रजिस्ट्रेशन के नाम पर बड़े पैमाने पर लूटपाट हो रही है।नायब तहसीलदार जीरकपुर राज कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन कॉल का कोई जवाब नहीं मिला।

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