खिलाड़ियों को वर्कलोड मैनेज के बहाने नहीं मिलेगी खेल से ‘छुट्टी’

मुंबई (खेल संवाददाता) टीम इंडिया के नए मुख्य कोच गौतम गंभीर की साफगोई और चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर की स्पष्टवादिता से बने तालमेल से भारतीय क्रिकेट में ऐसे दौर की शुरुआत होने वाली है, जहां खिलाड़ी वर्कलोड मैनेजमेंट के बहाने सीरीज चुनने में मनमर्जी नहीं कर पाएंगे। श्रीलंका दौरे से पहले गौतम गंभीर और अजीत अगरकर ने संवाददाता सम्मेलन में कुछ कड़े फैसलों के बारे में बताया तो कुछ चीजों को इशारों-इशारों में समझाया।
इससे यह स्पष्ट हो गया कि भारतीय क्रिकेट में काफी कुछ नया होने वाला है। यदि श्रीलंका दौरे से पहले गंभीर-अगरकर की संयुक्त प्रेस वार्ता से सबसे बड़ी सीख मिलने की बात की जाए तो वह कार्यभार प्रबंधन लगती है। इससे भी अधिक ताजगी देने वाली बात यह थी कि पिछले चीफ सेलेक्टर्स के विपरीत अगरकर ने लीडरशिप क्वालिटीज के बारे में आंतरिक भावना पर ही भरोसा नहीं किया, बल्कि चेंज रूम के दृष्टिकोण को भी ध्यान में रखा।
बल्लेबाजों और गेंदबाजों के लिए होंगे अलग-अलग नियमः गौतम गंभीर और अजीत अगरकर दोनों का लक्ष्य अब 2027 में होने वाले वनडे विश्व कप के लिए खाका तैयार करना है। दोनों के लिए वर्कलोड मैनेजमेंट बड़ी चुनौती होगी लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि इस मामले में बल्लेबाजों और गेंदबाजों के लिए अलग नियम होंगे।
गौतम गंभीर से जब कार्यभार प्रबंधन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, ‘मैंने पहले भी कहा है कि जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी के लिए कार्यभार प्रबंधन महत्वपूर्ण है। अगर आप बल्लेबाज हैं और अच्छी फॉर्म में हैं तो आपको सभी मैच खेलने चाहिए।’
माना जा रहा था कि वनडे और टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा तथा टीम के प्रमुख बल्लेबाज विराट कोहली श्रीलंका दौरे पर नहीं जाएंगे लेकिन उनकी उपस्थिति से स्पष्ट संकेत मिलता है की टीम प्रबंधन इन दोनों सीनियर खिलाड़ियों को अधिक से अधिक मैच खेलते हुए देखना चाहता है। गौतम गंभीर ने कहा, ‘रोहित शर्मा और विराट कोहली अब केवल दो प्रारूप में खेलेंगे, मुझे उम्मीद है कि वह अधिक से अधिक मैच खेलने के लिए उपलब्ध रहेंगे।’

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