इंडिया नहीं अमेरिका और कनाडा के लिए पदक जीतने पेरिस पहुंचे ये 5 भारतवंशी

पेरिस (खेल संवाददाता) पेरिस ओलंपिक की शुरुआत 26 जुलाई से होना है। भारत 117 एथलीट्स का दल भेज रहा है। हालांकि, भारत केवल भारतीय दल तक ही सीमित नहीं रहेगा। कुछ भारतीय मूल के एथलीट अमेरिका, फ्रांस और कनाडा जैसे देशों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इनकी कुल संख्या 5 है। भारतीय मूल के 2 एथलीट अमेरिका, एक-एक फ्रांस, सिंगापुर और कनाडा का प्रतिनिधित्व करेंगे। आइए इन 5 एथलीट्स के बारे में जानते हैं।
अमेरिका का टेनिस में राजीव राम करेंगे प्रतिनिधित्वः शायद सूची में सबसे प्रसिद्ध एथलीट 40 वर्षीय राजीव राम का जन्म अमेरिका के डेनवर में हुआ था। उनके माता-पिता बैंगलोर के हैं। राम के पिता राघव का अप्रैल 2019 में अग्नाशय के कैंसर के कारण निधन हो गया। वह बॉटनिस्ट थे। उनकी मां सुषमा एक साइंटफिक हैं। लेकिन राम ने पढ़ाई-लिखाई की परंपरा को तोड़ने और टेनिस को आगे बढ़ाने का फैसला किया। यूएसए के लिए खेलते हुए, राजीव ने काफी सफलता हासिल की है। टेनिस युगल विशेषज्ञ ने चार पुरुष युगल और एक मिश्रित युगल सहित पांच ग्रैंड स्लैम खिताब जीतेहैं। उन्होंने वीनस विलियम्स के साथ मिलकर 2016 रियो ओलंपिक में मिश्रित युगल जीता। वह पुरुष युगल स्पर्धा में भाग लेंगे।
फ्रांस का टेनिस में पृथिका पावड़े करेंगी प्रतिनिधित्वः पृथिका के पिता का जन्म और पालन-पोषण पुडुचेरी में हुआ था। 2003 में वे शादी करने के बाद पेरिस चले गए। एक साल बाद, फ्रांस की राजधानी में पृथिका का जन्म हुआ। खुद एक टेबल टेनिस खिलाड़ी, पृथिका के पिता ने उन्हें छह साल की उम्र में टेबल टेनिस से परिचित कराया। केवल 16 साल की उम्र में, उन्होंने टोक्यो में अपने पहले ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया। 19 वर्षीय यह खिलाड़ी रसायन विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान  की पढ़ाई कर रही हैं और 12वीं वरीयता की खिलाड़ी महिला एकल में प्रतिस्पर्धा करेंगी महिला युगल और मिश्रित युगल स्पर्धा में भी होंगी।
टेबल टेनिस में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करेंगे कनक झाः पेरिस खेलों में भाग लेने वाले एक अन्य भारतीय मूल के एथलीट यूएसए टेबल टेनिस खिलाड़ी कनक झा होंगे। झा की मां करुणा मुंबई से हैं,जबकि पिता अरुण कोलकाता और प्रयागराज में पले-बढ़े हैं। दोनों ही आईटी पेशेवर हैं। झा का टेबल टेनिस के प्रति आकर्षण कैलिफोर्निया के मिलपिटास में इंडिया कम्युनिटी सेंटर से शुरू हुआ। उनकी बड़ी बहन प्राची भी टीटी खिलाड़ी हैं। कुछ ही समय में उन्होंने अपने से दुगने उम्र के खिलाड़ियों को हराना शुरू कर दिया। भारतीय जड़ों को मजबूत रखने के लिए कनक की मां ने उन्हें जैनशाला और हिंदीशाला में दाखिला दिलाया, जहां वे हिंदी और जैन धर्म के बारे में सीखें। 24 वर्षीय झा चार बार के अमेरिकी राष्ट्रीय चैंपियन (2016, 2017, 2018, 2019) और दो बार की ओलंपियन (2016, 2020) हैं। वह 2016 रियो ओलंपिक में यूएसए की सबसे युवा एथलीट थे और 2018 में अर्जेंटीना में युवा ओलंपिक में पदक जीतने वाले पहले अमेरिकी भी थे। वह पेरिस में पुरुष एकल स्पर्धा में प्रतिस्पर्धा करेंगे।
सिंगापुर का एथलेटिक्स में प्रतिनिधित्व करेंगी शांति परेराः सिंगापुर की स्प्रिंट क्वीन के नाम से मशहूर वेरोनिका शांति परेरा की जड़ें केरल से जुड़ी हैं। दादा-दादी तिरुवनंतपुरम के पास स्थि वेट्टुकड़ से थे। लेकिन शांति के दादा को सिंगापुर में नौकरी मिल जाने के बाद दंपति भारत से चले गए। पिछले साल परेरा ने एशियाई खेलों में ट्रैक और फील्ड पदक के लिए सिंगापुर के 49 साल लंबे इंतजार को खत्म किया। उन्होंने महिलाओं की 100 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता। सिंगापुर स्पोर्ट्स अवार्ड्स में ‘स्पोर्ट्सवुमन ऑफ द ईयर’ से सम्मानित परेरा पेरिस ओलंपिक उद्घाटन समारोह में लॉयन सिटी की दो ध्वजवाहकों में से एक होंगी। वह पेरिस में महिलाओं की 100 मीटर दौड़ में भाग लेंगी।
कुश्ती में कनाडा का प्रतिनिधित्व करेंगे अमर धेसीः अमरवीर का जन्म कनाडा के पश्चिमी तट पर एक छोटे से प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में बलबीर धेसी के घर हुआ था। ग्रीको रोमन के पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन अमर के पिता पंजाब के जलंधर जिले के सांघवाल गांव के रहने वाले हैं। बलबीर ने एनआईएस पटियाला में प्रशिक्षण लिया था और उन्हें पंजाब पुलिस में नौकरी भी मिली थी,लेकिन 1979 में वे बेहतर अवसरों की तलाश में कनाडा चले गए। वहां पहुंचने के बाद उन्होंने एक आरा मशीन फैक्ट्री में काम किया। 1985 में सरे में युवाओं के लिए खालसा कुश्ती क्लब की शुरुआत की। अमर पांच साल की उम्र से ही अपने पिता और बड़े भाई परमवीर के साथ अभ्यास करते थे और आठ साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। लंदन खेलों के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त के कुश्ती वीडियो देखने के शौकीन अमर ने टोक्यो 2020 में अपना ओलंपिक पदार्पण किया, जहां वे पुरुषों की 125 किलोग्राम फ्रीस्टाइल स्पर्धा में 13वें स्थान पर रहे। उन्होंने एक साल बाद पैन अमेरिकन चैंपियनशिप में अपना पहला सीनियर स्वर्ण पदक जीता और फिर बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स में 125 किग्रा में स्वर्ण पदक जीता। 28 वर्षीय यह खिलाड़ी पुरुषों की 125 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा में हिस्सा लेगा।

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