नाबालिग की सहमति, कानून की नजर में सहमति नहीं ।

नई दिल्ली ( ज़ीरो लाइन) हाई कोर्ट ने एक नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने 16 साल की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया.
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि नाबालिग की सहमति, कानून की नजर में सहमति नहीं है. आरोपी ने कोर्ट में दिए अपने बयान में कहा था कि उसने लड़की की सहमति से रिलेशन बनाया था. कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने लड़की के आधार कार्ड में डेट ऑफ बर्थ बदलवाने का भी गंभीर अपराध किया है. कोर्ट ने आगे कहा कि,आरोपी नाबालिग लड़की के आधार कार्ड पर डेट ऑफ बर्थ बदलवाकर फायदा उठाना चाहता था, ताकि आरोपी यह दिखा सके कि जब उसने लड़की से संबंध बनाए थे तब वो नाबालिग नहीं थी.

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस जसमीत सिंह ने अपने आदेश में कहा:-
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’16 साल की उम्र में संबंध बनाने के लिए नाबालिग की सहमति, कानून की नजर में कोई सहमति नहीं है खास तौर से तब जब आरोपी 23 साल का और वह पहले से ही शादीशुदा है, इसलिए उसे भी जमानत नहीं दी जा सकती’.
हाई कोर्ट की जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने दुष्कर्म मामले की सुनवाई करते हुए कहा, ‘मेरा मानना है कि घटना के दिन लड़की की उम्र महज 16 साल थी. आरोपी की उम्र 23 साल थी और वह पहले से ही शादीशुदा था. आरोपी ही लड़की को एसडीएम के ऑफिस ले गया. उसने आधार कार्ड में 2002 लड़की की जन्मतिथि बदलकर 5 मार्च 2000 करवा दी, ताकि वह यह साबित कर सके कि जिस दिन उसने शारीरिक संबंध बनाए वह नाबालिग नहीं थी.
जानकारी के अनुसार, पीड़ित लड़की के पिता ने साल 2019 में लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसके बाद पुलिस ने लड़की को संभल से तलाश कर वापस ले आई थी. लड़की तब आरोपी लड़के की कंपनी में थी. नाबालिग लड़की ने तब मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया था कि आरोपी लड़का उसका ब्वाॅयफ्रेंड है और वह दोनों साथ में करीब डेढ महीने रहे हैं. लड़की ने कोर्ट को बताया कि उसने अपनी सहमति के साथ संबंध बनाए हैं. लड़की ने कोर्ट के सामने कहा कि वह आरोपी लड़के के साथ रहना चाहती है. आरोपी लड़के ने इसी आधार पर कोर्ट से जमानत मांगी है. आरोपी लड़का साल 2019 से न्यायिक हिरासत में है ।

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