भारत के एक अस्पताल-आधारित अध्ययन से पता चला है कि हर 4 में से 1 यूथ को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा ।
नई दिल्ली ( ज़ीरो लाइन: ब्यूरो) हाल के वर्षों में कम उम्र के लोगों में ब्रेन स्ट्रोक की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. ब्रेन स्ट्रोक को लंबे समय से बुजुर्गों की बीमारी माना जाता रहा है, लेकिन हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि यह अब भारत में युवा आबादी को भी अपना शिकार बना रही है.
ब्रेन स्ट्रोक में योगदान देने वाले कुछ फैक्टर में युवा लोगों में मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसे रिस्क फैक्टर में वृद्धि के साथ-साथ कोकीन और मेथामफेटामाइन जैसे ड्रग्स के उपयोग में वृद्धि शामिल है.
स्ट्रोक मृत्यु का दूसरा सबसे आम कारण है. इसलिए यह गंभीर चिंता का विषय है कि अब यह हमारे देश में बुजुर्गों की बीमारी नहीं रह गई है. भारत के एक अस्पताल-आधारित अध्ययन से पता चला है कि युवा लोगों में स्ट्रोक का अनुपात अब 15-30 प्रतिशत के बीच है. इसका मतलब हर 4 में से 1 यूथ को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा है. देश में एक अन्य जनसंख्या-आधारित अध्ययन में, स्ट्रोक के कुल रोगियों में से 8.8 प्रतिशत युवा आयु वर्ग के पाए गए.
ब्रेन स्ट्रोक एक ऐसी आपात स्थिति है जो किसी भी समय हो सकती है. चाहे आप बैठे हो, चल रहे हो या सो रहे हो. ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग के हिस्से में खून की आपूर्ति कम होने लगती है. स्ट्रोक आने के बाद मरीज को 4 घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाना जरूरी होता है. अगर चार घंटे के अंदर मरीज को थ्रोबोलीटिक दवा मिल जाती है तो उसकी जान बच जाएगी. ये दवा धमनी में मौजूद ब्लॉकेज को खोल देती है.
FAST नियम की मदद से स्ट्रोक के मरीजों को बचाया जा सकता है. आइए विस्तार में समझें कि ये नियम क्या है.
F – Face (चेहरा): यह देखें कि क्या एक तरफ के चेहरे के अंग लटक गए हैं या चेहरे का एक तरफ ढीला हो गया है. एक असमतल हंसी भी इस संकेत का हो सकता है.
A – Arm (हाथ): यह देखें कि क्या एक हाथ कमजोर है या सुन्न है. व्यक्ति से कहें कि वह दोनों हाथ उठाएं और देखें कि क्या एक हाथ नीचे गिरता है.
S – Speech (बोलने की क्षमता): यह चेक करें कि क्या बोलने में दिक्कत हो रही है या नहीं
T – Time (समय): समय बहुत महत्वपूर्ण है. अगर आप उपरोक्त लक्षणों को देखते हैं, तो तुरंत इमरजेंसी सेवाओं को बुलाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. NEWS ZERO LINE इसकी पुष्टि नहीं करता है.)