खालिस्तान पर भारत को उकसाने से बाज नहीं आ रहा कनाडा, अब संसद में खालिस्तान आतंकी निज्जर की याद मे शोक सभा
नई दिल्ली (ज़ीरो लाईन नेटवर्क) पिछले हफ्ते इटली में जी 7 बैठक में पीएम नरेन्द्र मोदी और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो के बीच हुई मुलाकात के बावजूद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की गुंजाइश नहीं दिख रही।
कनाडा संसद में रखा गया एक मिनट का मौनः वजह साफ है कि कनाडा खालिस्तान के मुद्दे पर भारत की संवेदनशीलता को पूरी तरह से नजरअंदाज रहा है। ऐसे में कनाडा संसद में बुधवार को खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए एक मिनट का मौन रखा गया, लेकिन इसके ठीक पहले कनाडा स्थित भारतीय दूतावास ने यह ऐलान किया है कि वह 23 जून, 2024 को खालिस्तानी आतंकियों की तरफ से एयर इंडिया के विमान कनिष्क को बम से उड़ाने की घटना के 39वें वर्ष पर एक शोक सभा का आयोजन करने जा रहा है।
कनाडा ने नहीं छोड़ा पुराना रूखः सूत्रों का कहना है कि कनाडा की तरफ से जिस तरह से खालिस्तान समर्थकों को उकसाने की कोशिश हो रही है उससे साफ है कि वहां की सरकार भारत के साथ रिश्तों को लेकर बहुत गंभीर नहीं है। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की मुलाकात के बाद भी कनाडा की तरफ से कोई सुधारवादी संकेत नहीं मिले हैं।
असलियत मे इस मुलाकात के बाद भी वहां खालिस्तान के समर्थन में बड़ी रैलियां निकाली जा रही हैं, जिनमें भारत व यहां के नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी की जा रही है। साफ है कि वहां की सरकार इस पूरे प्रकरण का राजनीतिकरण करने में जुटी है।
उधर, बैंकवूर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कनिष्क हादसे की 39वीं सालगिरह पर एक कार्यक्रम का आयोजन करके कनाडा को यह संकेत देने की कोशिश कर रहा है कि वह खालिस्तान का समर्थन करने वालों को प्रोत्साहित करना बंद करे। 39 वर्ष पहले एयर इंडिया के विमान को आतंकियों ने बम से उड़ा दिया था जिसमें 329 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 86 बच्चे थे।
उधर निज्जर हत्याकांड को लेकर कनाडा ने भारत पर जो आरोप लगाये थे, उसके पक्ष में भारत सरकार को अभी तक कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया जा सका है। पीएम ट्रुडो ने कनाडा की संसद में भारत पर आरोप लगाया था कि उसकी एजेंसियों ने कनाडाई नागरिक निज्जर की हत्या कराई है। निज्जर भारत सरकार की तरफ से एक प्रतिबंधित आतंकवादी था जो कनाडा में रहता था।
भारत ने वर्ष 2020 में उसे प्रतिबंधित आतंकियों की सूची में डाल दिया था। कनाडा में खालिस्तान के समर्थन में भीड़ जुटाने में उसकी अहम भूमिका होती थी। कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने 18 जून, 2023 को उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस आरोप के बाद भारत व कनाडा के रिश्ते काफी खराब हो चुके हैं। भारत में कनाडा उच्चायोग में कार्यरत राजनयिकों की संख्या काफी घटा दिया है।