स्वर्ण मंदिर में योग पर बवाल जारी, अकाल तख्त के जत्थेदार बोले- सिख धर्म में इसका कोई महत्व नहीं

अमृतसर (संवाद सहयोगी) स्वर्ण मंदिर परिसर में एक महिला द्वारा योगासन करने और उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करने पर बवाल जारी है। अब इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने कहा कि स्वर्ण मंदिर सिख धर्म का केंद्र बिंदु है जो सार्वभौमिक एकता और मानवता का संदेश देता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सिख धर्म में योग का कोई महत्व नहीं है। जत्थेदार रघुबीर सिंह ने कहा कि सिख धर्म एक अलग और अनोखा धर्म है। कुछ ताकतें इसके बारे में गलत जानकारी फैलाने की कोशिश कर रही हैं।
उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटीको भविष्य में सतर्क रहने का निर्देश दिया ताकि स्वर्ण मंदिर परिसर में ऐसी कोई भी घटना न हो जो सिख धर्म की विशिष्टता के विपरीत हो या गुरु के निवास की पवित्रता को कम करती हो। बता दें कि स्वर्ण मंदिर के पवित्र परिक्रमा पथ पर एक महिला द्वारा योगासन करते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला सामने आया था। सिख समुदाय के कई लोगों ने इस कृत्य को धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताया था।
अर्चना मकवाना ने मांगी माफीः इस मामल में फैशन डिजाइनर और लाइफस्टाइल इंफ्लुएंसर अर्चना मकवाना के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। हालांकि इस मामले में मकवाना ने इस मामले में माफी मांगते हुए कहा कि उनका इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर स्वर्ण मंदिर पहुंचीं मकवाना ने परिक्रमा पथ पर योग किया था।
तीन कर्मचारियों को निलंबित कियाः वहीं इस मामले में एसजीपीसी ने कर्तव्य निर्वहन ठीक से नहीं करने का आरोप लगाते हुए अपने तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि किसी को भी स्वर्ण मंदिर में सिख आचरण के खिलाफ हरकत करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। कुछ लोग जानबूझकर इस पवित्र स्थान की पवित्रता और ऐतिहासिक महत्व को नजरअंदाज करके आपत्तिजनक हरकतें करते हैं।

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